*हिन्दी फिल्म जगत की अदभुत गायिका सुमन कल्याणपुर को लोगों ने भूला दिया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*हिन्दी फिल्म जगत की अदभुत गायिका सुमन कल्याणपुर को लोगों ने भूला दिया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई 【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】 सन 1954 में पार्श्वगायिका सुमन कल्याणपुर ने हिंदी सिनेमा जगत में अपना कैरियर शुरू किया था। 34 साल तक लगातार हिन्दी सिनेमा को अपनी आवाज़ में गीत सुनाती रही मगर संगीत प्रेमियों के लिए वो हमेशा पहेली बनी रही कि-"कौन गा रही है ? लता तो नहीं?"मगर किसी भी संगीत प्रेमी ने,यहां तक कि किसी फिल्मी हस्ती ने भी यह सबाल नहीं उठाया कि सुमन को कभी फिल्मफेयर अवार्ड क्यों नहीं मिला? किसी फिल्मी पत्रकार को भी यह जानने की फुरसत नहीं मिली कि सुमन कल्याणपुर अपने फिल्मी कॅरियर से खुश हैं या नहीं? सुमन कल्याणपुर के इस दर्द को समझा था,गीतकार योगेश और संगीतकार रोबिन बनर्जी ने। सुमन और संगीतकार रोबिन बनर्जी का साथ साल 1958 में प्रदर्शित रोबिन की पहली फिल्म "वजीरे-आजम "से लेकर साल 1971 में प्रदर्शित रोबिन की अंतिम हिंदी फिल्म "राज़ की बात" तक रहा। सुमन कल्याणपुर की आवाज़ के बिना रोबिन बनर्जी की फिल्म अधुरी थी। गीतकार योगेश की फिल्मी पहचान भी सुमन कल्याणपुर के ग...