*फिल्म मेकर बासु चटर्जी का हिंदी सिनेमा में अहम योगदान रहा है। उनकी जन्म जयंती पर उन्हें विनम्र स्मरणांजलि*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*फिल्म मेकर बासु चटर्जी का हिंदी सिनेमा में अहम योगदान रहा है। उनकी जन्म जयंती पर उन्हें विनम्र स्मरणांजलि*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】फिल्म मेकर बासु चटर्जी का हिंदी सिनेमा में अहम योगदान रहा है। ह्यूमर उनकी ख़ासियत थी। उन्होंने कई क्लासिक और कल्ट समझी जाने वाली फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन किया था। मध्यम वर्ग की नब्ज़ पकड़कर फ़िल्में बनाने में बासु दा को महारत हासिल थी। उनकी फ़िल्मों के किरदार रोज़-मर्रा की ज़िंदगी से निकलते थे। वो दिखने में सीधे-साधे मगर शरारती होते थे। बासु दा की फ़िल्मों की लिस्ट में"रजनीगंधा","छोटी सी बात","चितचोर", "दिल्लगी","खट्टा-मीठा","पसंद अपनी-अपनी" और "चमेली की शादी" जैसी फ़िल्में शामिल हैं।
बासु चटर्जी का जन्म 10 जनवरी 1930 को राजस्थान के अजमेर में हुआ था। बासु दा ने अपना करियर "ब्लिट्ज़ मैगज़ीन" में बतौर कार्टूनिस्ट शुरू किया था। 18 साल वहां काम करने के बाद बासु दा ने फ़िल्मों की ओर रुख़ किया। उन्होंने करियर की शुरुआत एक और दिग्गज फ़िल्ममेकर बासु भट्टाचार्य के असिस्टेंट के तौर पर राज कपूर की फ़िल्म "तीसरी कसम" से की थी। इस फ़िल्म को बाद में बेस्ट फीचर फ़िल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला था। साल 1969 में आयी "सारा आकाश" से उन्होंने निर्देशकीय पारी शुरू की थी। यह फ़िल्म क्रिटिकली सफल रही और इसे बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए फ़िल्मफेयर अवॉर्ड भी दिया गया था।
इसके बाद बासु दा ने "पिया का घर", "उस पार", "रजनीगंधा", "चितचोर", "स्वामी", "खट्टा-मीठा", "प्रियतमा", "चक्रव्यूह", "जीना यहां", "बातों-बातों में", "अपने पराए", "शौकीन" और "एक रुका हुआ फैसला" जैसी क्लासिक फ़िल्में सिनेमा को दीं। बासु दा ने उस दौर के तमाम सुपरस्टार्स को डायेक्ट किया।फिल्म "शौकीन" में उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती और रति अग्निहोत्री, "प्रियतमा" में जीतेंद्र और नीतू सिंह, "मन पसंद" में देवानंद और टीना मुनीम, "चक्रव्यूह" में राजेश खन्ना और नीतू सिंह,"दिल्लगी" में धर्मेंद्र और हेमा मालिनी, "मंज़िल" में अमिताभ बच्चन को निर्देशित किया था। ये सभी फ़िल्में हिंदी सिनेमा की सहाबहार फ़िल्में मानी जाती हैं।
बासु दा ने सबसे ज़्यादा फ़िल्में अमोल पालेकर के साथ कीं, जिनमें "रजनीगंधा", "छोटी सी बात", "चितचोर" और "बातों बातों में" जैसी फ़िल्में शामिल हैं। दूरदर्शन के लिए उन्होंने "ब्योमकेश बख्शी" और "रजनी" धारावाहिकों का निर्माण निर्देशन किया था। 4 जून 2020 को 93 वर्ष की उम्र में इनका निधन हो गया था ।【साभार : मनोज वशिष्ठ】【Photo Courtesy Facebook】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Young Fox•News Channel•#बासु चटर्जी
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