*शोला जो भड़के, दिल मेरा धड़के ...फिल्म ऐक्टर भगवान दादा को कौन भूल सकता है?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*शोला जो भड़के, दिल मेरा धड़के ...फिल्म ऐक्टर भगवान दादा को कौन भूल सकता है?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】भला कौन भूल सकता है, इस गीत को और इस पर थिरकते 'भगवान दादा' को। उनका ये सिग्नेचर डांस स्टाइल बाद में बड़े-बड़े सितारों ने अपनाया। भगवान दादा जिनका पूरा नाम 'भगवान आभाजी पालव' था। उनकी पुण्यतिथि 4 फरवरी 2002 पर उन्हें याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि प्रस्तुत की गई ।

भगवान दादा का नाम सुनते ही उनकी कॉमेडी और डांस की अलग स्टाइल जहन में उभर आती है। भगवान दादा का जन्म 1 अगस्त 1913 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता एक टेक्सटाइल मिल में काम करते थे। घर में आर्थिक मदद के लिए भगवान दादा ने भी कुछ समय तक मिल में काम किया था लेकिन उनका रुझान शुरू से ही फिल्मों की ओर था। उन्होंने मूक सिनेमा के दौर में फिल्म 'क्रिमिनल' से डेब्यू किया। फिल्मों में एक्टिंग के साथ साथ उन्होंने फिल्में भी प्रोड्यूस की और साल 1951 में उन्होंने फिल्म अलबेला का निर्माण किया। फिल्म का गाना 'शोला जो भड़के' आज भी काफी लोकप्रिय है। इसमें उनके अपोजिट गीता बाली लीड रोल में थीं। 

भगवान दादा शेवरले कारों के बेहद शौकीन और उन्होंने 'शेवरले' नाम की फिल्म में भी काम किया था। कभी मजदूरी करने वाले भगवान दादा ने फिल्मों से खूब कमाई की। उनके पास उस दौर में सात कारें थीं जिनसे वो हफ्ते के हर एक दिन एक कार से सेट पर पहुंचते थे। उनके डायरेक्शन की एक फिल्म के एक सीन में पैसों की बारिश दिखानी थी । इसके लिए उन्होंने असली नोटों का इस्तेमाल किया था। फिल्म के प्रोड्यूसर भगवान दादा खुद थे।

भगवान दादा हॉलीवुड फिल्म एक्टर डगलस फेयरबैंक्स के बहुत बड़े प्रशंसक थे। डगलस से प्रेरित होकर भगवान दादा अपनी फिल्मों में बॉडी डबल के बजाय अपना स्टंट खुद करते थे। उनके द्वारा किए गए स्टंट इतने असली लगते थे कि राज कपूर तो उन्हें इंडियन डगलस कहकर पुकारते थे। बाद में एक वक्त ऐसा आया जब भगवान दादा की फिल्में कुछ कमाल नहीं कर पाईं और फिल्मों से उन्हें इतना नुकसान उठाना पड़ा कि उन्हें जुहू स्थित बंगला और अपनी कारें बेचनी पड़ीं। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि उन्हें मुंबई के चॉल में गुजारा करना पड़ा।

भगवान दादा के आखिरी वक्त में ज्यादातर लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। केवल संगीतकार सी रामचंद्र, एक्टर ओम प्रकाश और गीतकार राजेंद्र कृष्ण उनके साथ रहे और उनसे मिलने के लिए चॉल में जाते थे। 4 फरवरी 2002 को हार्ट अटैक से भगवान दादा का देहांत हो गया और वो हमें छोड़ कर यह महान ऐक्टर चले गए। 【साभार श्रीलता बिस्वास - अमर उजाला - फेसबुक वाल से थोड़े से बदलाव के साथ ।】【Photo Courtesy Facebook】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Young Fox•News Channel•#भगवान दादा

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